सिंधु जल संधि पर रोक से घबराए पाकिस्तान ने लगाई निर्णय पर पुनर्विचार की गुहार

  
Last Updated:  May 16, 2025 " 04:11 pm"

नई दिल्ली: भारत के साथ संघर्ष में भारी तबाही झेलने और सिंधु जल संधि पर भारत के रोक लगाए जाने से आसन्न जलसंकट से घबराए पाकिस्तान ने भारत सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है। पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान में गंभीर जलसंकट पैदा कर सकता है। पत्र में भारत से अपील की गई है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे। बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को रोकने का ऐलान किया था। गंभीर जलसंकट की आशंका से सहमा पाकिस्तान घुटनों पर आ गया। इसी के चलते पाकिस्तान ने भारत से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है। पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर अपील की है कि भारत अपने निर्णय पर पुनः विचार करें क्योंकि इससे पाकिस्तान में गंभीर जलसंकट पैदा हो सकता है। 1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। सिंधु और उसकी पांच सहायक नदियों के जल के उपयोग को यह समझौता नियंत्रित करता है एम
इस समझौते के तहत तीन पूर्वी नदियों (रावी, ब्यास और सतलुज) का जल भारत को आवंटित किया गया है, जबकि भारत से ही बहने वाली तीन पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का 80 फीसदी जल पाकिस्तान को आवंटित किया गया है।
भारत को पश्चिमी नदियों पर रन-ऑफ-द-रिवर (RoR) परियोजनाओं के माध्यम से जलविद्युत उत्पादन का अधिकार दिया गया है, जो डिजाइन और संचालन के विशिष्ट मानदंडों के अधीन अप्रतिबंधित है।

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